
7 सितंबर चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण क्या है?
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा कुछ समय के लिए ढक जाता है। 7 सितंबर को होने वाला चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) होगा।
ग्रहण का समय
भारतीय समयानुसार
दृश्यता क्षेत्र
यह चंद्र ग्रहण भारत, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में भी इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा, बशर्ते मौसम साफ हो।
सावधानियां और धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए, मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
विज्ञान की दृष्टि से चंद्र ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। इसका मानव शरीर पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि, खुली आँखों से ग्रहण देखने में कोई हानि नहीं है, बल्कि यह एक रोमांचक खगोलीय अनुभव प्रदान करता है।
रोचक तथ्य
• उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा की चमक कुछ कम होती है, लेकिन वह पूरी तरह से अदृश्य नहीं होता।
• साल 2025 में कुल 4 ग्रहण होंगे - 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण।
• चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को ही होता है।
• भारत में अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2026 को दिखाई देगा।